1 भाग
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ना जाने कब से ही सुन चुके हैं इकरार तेरा, लेकिन चाहत हमारी नहीं है तेरे लिए; ये समझते क्यों नहीं तुम, और क्यों नहीं सुन पाते हो तुम इंकार मेरा; ...