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कविता--मानव जीवन बुद्धि विवेक तपज्ञान जप से दूर करो अज्ञान जन्म जन्मांतर से मुक्ति दिलाये इसी धरा पर ज्ञान पाये अपने कर्मों से करो प्रबलित सद्गुरु हों अवतरित देंगे ज्ञान तनमनधन ...