शिकायत

1 भाग

339 बार पढा गया

9 पसंद किया गया

हो रही मेरी नब्जों को मुझसे ये शिकायत है लहू बनकर बहने लगे हो, जिस्म में तुम मेरे धड़कनों भी समझाया, उफ्फ ये उल्फत है दिल बनकर धड़कने लगे हो, सीने ...

×