नादानियां मेरी!

1 भाग

207 बार पढा गया

12 पसंद किया गया

चारों तरफ आरोप है, मेरे नाम सारे दोष है गुनाह कर गया, उफ्फ कहानियां मेरी सुन नहीं रहा है कोई, जख्म मुझको भी मिले हैं मौत बन गयी है अब, नादानियां ...

×