क्षणिकाएं – ११

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क्षणिकाएं – ११   ( १ )  रात बोझिल है , चांद मद्धम है एक तारे के टूट जाने का गम है। बेकल तुम हो , तनहा हम हैं फिर भी ...

अध्याय

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