कवि जन की पीड़ा गाता है

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कवि जन की पीड़ा गाता है। कलम मेरी अब तू ही बता कवि जन की पीड़ा गाता है भाव बड़े निराले तेरे, सब कुछ तू पल में कह डालें। बातों बातों ...

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