1 भाग
258 बार पढा गया
18 पसंद किया गया
कवि जन की पीड़ा गाता है। कलम मेरी अब तू ही बता कवि जन की पीड़ा गाता है भाव बड़े निराले तेरे, सब कुछ तू पल में कह डालें। बातों बातों ...