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कभी कभी इंसान अपने गुरूर में सब कुछ भूल जाता हैं..। हमारे कर्म कैसे हैं... हम किसके नसीब का खा रहें हैं सब कुछ..। अपने इगो और अभिमान में सब कुछ ...