1 भाग
245 बार पढा गया
20 पसंद किया गया
शीर्षक = मिट्टी के घड़े दोपहर के तीन बजे थे । चिलचिलाती धूप चारो और फेली हुयी थी । सब लोग अपने अपने घरों के अंदर थे उसी बीच मनोहर जी ...