लेखनी प्रतियोगिता -11-May-2022 कविता

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ग़ज़ल--    *लेके कोई  फ़रमान चली*  तन्हाईयों का प्यारा सफ़र,  राहें वीरान हो चली ।  गुलशन में मुरझाती कलियां,  बगियां सुनसान हो चली ।  ख्वाबों का उठता बवंडर,  जमीन परेशान हो ...

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