लेखनी कविता -03-May-2022 औरत ही औरत की दुश्मन बन बैठी

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शीर्षक = औरत ही औरत की दुश्मन  बन  बैठी  औरत  ही औरत  की दुश्मन  बन  बैठी। जब  वो एक औरत  से , सास बन  बैठी। भर  कान बेटे  के बहु  के ...

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