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कैसे समझाऊं मैं इस बावरे मन को,दूर कहां तुझसे ले जाऊं मैं इस बैरन मन को,,,करता रहता है जिद हर पल जाने की,हर लम्हा तेरी ओर खिंचे चले आने की,,,जिद करता ...