दस्तक

1 भाग

146 बार पढा गया

14 पसंद किया गया

पलकों की खिड़कियों में  कुछ सपने दस्तक देते हैं, नाज़ुक से सारे वो हरदम, क्यों सहमे-सहमे रहते हैं। तेरी दस्तक ही मेरे जीवन को, नए रंगों से भर देती है, तुझसे ...

×