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पलकों की खिड़कियों में कुछ सपने दस्तक देते हैं, नाज़ुक से सारे वो हरदम, क्यों सहमे-सहमे रहते हैं। तेरी दस्तक ही मेरे जीवन को, नए रंगों से भर देती है, तुझसे ...
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