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वार्षिक कविता प्रतियोगिता 2:- कविता :- विकास विकास की लहर ऐसी चली चप्पा-चप्पा गली-गली हर शक्श है ज्ञानी आजकल ज्ञान का पिटारा सबके पास है हर पल सबकी जीवन शैली है ...