1 भाग
99 बार पढा गया
0 पसंद किया गया
दिन जाते देर नहीं लगती। दो वर्ष व्यतीत हो गये। पण्डित मोटेराम नित्य प्रात: काल आत और सिद्वान्त-कोमुदी पढ़ाते, परन्त अब उनका आना केवल नियम पालने के हेतु ही था, क्योकि ...