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महफ़िले रौशन थी ख्वाहिशों का दौर था। कदमों की थिरकन थी सबका अंदाज निराला था। कुछ के गले में बाहें थी और कोई तन्हा अकेला था। किसी की दिलकश अदाएं थी ...