निर्वासन

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परशुराम –वहीं—वहीं दालान में ठहरो! मर्यादा—क्यों, क्या मुझमें कुछ छूत लग गई! परशुराम—पहले यह बताओं तुम इतने दिनों से कहां रहीं, किसके साथ रहीं, किस तरह रहीं और फिर यहां किसके ...

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