1 भाग
280 बार पढा गया
7 पसंद किया गया
कविता से पहले- राम पर कविता करने की सोचते ही शम्स मीनाई की वो पंक्तियां दिमाग में दौड़ जाती हैं मैं राम पर लिखूं मेरी हिम्मत नहीं है कुछ तुलसी ने ...
Don't have a profile? Create