1 भाग
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तुम्हे देखने की आस लगाए हुए हैं हम। राहों पर अपनी पलकें बिछाए हुए हैं हम। ❤️ अल्लाह जाने कब मिलेगा मुझे सुकून। कब से गमों का बोझ उठाए हुए हैं ...
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