रतनगढ - कहानी दो जहां की (भाग 19)

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निहारिका ने देखा समर अभी भी वहाँ मौजूद है। वह खड़ी हुई उसने अपनी पट्टी सम्हाली और धीरे धीरे आगे कदम बढाने लगी। वह दरवाजे तक पहुंची थी कि तभी एक ...

अध्याय

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