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बहुत दिनों से थी, मुझे तुझसे शिकायत थक गया मैं कर करके, तेरी इबादत क्यों मासूमों को, बलि की वेदी पर चढ़ाता क्यों नहीं होती तेरी, उन पर इनायत देश प्रेमियों ...