द्रौपदी का चीरहरण

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 यह कविता है एक दृश्य का वर्णन है ,जब पांडवों और कौरवों में चौशर का खेल खेला जा रहा था , और युधिष्ठिर जो धर्मराज और स्थिर बुद्धि का इंसान माना ...

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