कवि और चोर

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कवि मन से कविता लिखे, चोर लगन से काम  दोनों ही गुणी लोग हैं, इनको करो प्रणाम।।  अलंकार, रस, छंद से, कवि ले मन को जीत  भिन्न-भिन्न तिकड़म लगा, चोर गिराए ...

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