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देवधर की स्मृतियाँ : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला कहानी) डॉक्टरों के आदेशानुसार दवा के बदलाव के लिए देवधर को जाना पड़ा। चलते वक्त कविगुरु की एक कविता बार-बार स्मरण होने लगी- “औषुधे ...
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