2 भाग
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अब जिधर देखिए वीरान नज़र आता है। गांव क्या शहर भी सुनसान नज़र आता है।। है क़तारो में लगी लाश, कैसा मंजर है, दर्द से चीखता शमशान नज़र आता है।। जो ...