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धोखा है खुद से खुद को देना,, चौतरफा छाया है इसका जंजाल,, दुनिया प्यारी है सबको सबका है बस लालच स्वार्थ,,सबकी सिद्धी अपनी-अपनी सब है एक मायाजाल,, एक-दूसरे में सब है ...