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गूंथा हुआ हूँ तेरे दिल से जयपात्र के किनारे लगी तेरी होठों की खुशबू संभालके रखा हूँ मेरे घर के सुनहरे अलमारी में। तेरी हाथ का मिठास अभी भी लगा हुआ ...
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