महफील

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इश्क पे भी ए हुजुर किसी का पहरा नहीं रहता। जहां है इश्क सब गुलशन ;वहां सहरा नहीं रहता।।    इश्क पे ए हुजुर किसी का पहरा नहीं रहता। जो महफिल ...

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