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नींद की ओस से पलकों को भिगोये कैसे, जागना जिसका मुकद्दर हो वो सोये कैसे, रेत दामन में हो या दश्त में बस रेत ही है, रेत में फस्ल-ए-तमन्ना कोई बोये ...