लेखनी प्रतियोगिता -08-Apr-2024

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ढलती रात ढलती रात हुई अंधियारी, साहिब जी ना आए।  धक-धक धड़के जिया हमारा, मन मेरा घबराए। सनम कहो रात कहां बिताए  हाथों में मेहंदी रचके गौरी, कर कर सोलह सिंगार।  ...

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