स्वर्ण यक्षिणी...( प्रस्तावना )

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प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनियों ने अपने इष्ट के समीप जाने के लिए उनका आवाहन कर तपस्या करते । यज्ञ , हवन कर उनका आवाहन करके अपनी मनोकामना पूरी करते ...

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