बचपन

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मन मतंग उड़ता पतंग, छाया रहता हर क्षण उमंग। कभी लोरी कथा कहानी संग, दादी के आंचल का आनंद।। निश्चल जीवन उन्मुक्त गगन, जैसे मधुकर चहके उपवन। रोना धोना किलकारी संग, ...

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