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मत पूछ कि आई है क़यामत ये कहाँ से, उफ़, ले गयी मुझको ये मुहब्बत भी जहाँ से। ऐ नर्गिस- ए -निगाह बस तेरी ही कमी है, बहलाएं तुझसे छूट के ...