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शादी करदी बेटी की, दहेज अधूरा रह गया। कुछ न सूझा इक पिता को, घर वार गिरवी रख दिया। बेटी को कुछ भान नहीं, खुशी-खुशी ससुराल गई, कुछ दिन तो अच्छे ...
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