1 भाग
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तुम वही हो जो मुरझाईं हुईं चेहरे को गुलाब सी खिलाती हो ना बुलाने पर भी लगती है कि पास बुलाईं हो एक बेचैनी, एक आहट दिल में लगा रहता है ...