1 भाग
256 बार पढा गया
16 पसंद किया गया
एक दौर था उम्र का वह भी, झूठ और सच में फर्क कहाँ। जीभ ने तो वही कहा सिर्फ, जो देख सुन लिया यहाँ वहाँ। तैराते कागज की कश्ती, देखा जो ...