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तुम वो इश्क हो जिसे किसी कविता ग़ज़ल,और नज्म मे पिरोया नहीं जा सकता तुम मुक्कमल इश्क हो अधूरा नहीं,संपूर्ण हो कोई कविता नही तुम वो गीत हो जिसे हरपल गूनगूनाऊं ...