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बेताबी-ए-दिल एक शे'र से कहाँ बयां होगा तेरे सज़दे पर तो पूरा मै अश'आर लिखूंगा तिरे दिल पर मैं, राज करता था, करता ही रहूंगा सफर-ए-इश्क़ में तुम्हे, अपना हर बार ...