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( 1222 1222 1222 1222) सुनो मोहन ! सुनो मोहन तुम्हारे बिन कहीं पर भी न लागे मन । बताऊं क्या दशा अपनी बढ़ी देखो दिली धड़कन। कभीतो आमिलो ...
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