दिल शीशे

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हम दिल शीशे का ले कर निकले आशियाने से दिल दे दिया पत्थर लेकर खड़े दिवाने हाय ये क्या किया कैसे किया बड़ी भूल हुई हसीना से सखी जब भी मिले ...

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