पावस ऋतु

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विष्णु पद छंद मात्रा-16/10 अंत-112 विषय- पावस ऋतु पावस की ऋतु आज बरसती ,रिमझिम जल बरसे। प्यासे नैना दरस तिहारे, विरहन नित तरसे। दीप निहारे नित रैना भर, नैना जल भर ...

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