लेखनी प्रतियोगिता -06-Aug-2023 कविता

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ग़ज़ल  *तुम प्रीत निभाना*  आके मेरे साथिया मुझे भूल ना जाना,  उल्फत हुई है तुमसे तुम  प्रीत निभाना ।  राहों में  घना अंधेरा सुनसान गली है,  आकर मेरे ख्वाबों में मुझे ...

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