लौ

1 भाग

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अंधियारी गहराती रातें, आशा दीप जलाए रखना। आएगी फिर भोर सुनहरी, हौसला तू बनाए रखना। पथरीली डग कांटे होंगे, मंजिल भी नजर न आए तो। राही घबरा कर मत रुकना, आगे ...

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