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बैरी पिया बैरी पिया तुझे लाज नहीं आई क्यों सताते हो बनकर हरजाई प्रीत की सौगंध तुझको प्रीतम क्यूं हो गई अब तेरे लिए पराई पहनी है पिया मैंने हरी चूड़ियां ...
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