दो जून की रोटी

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दो जून की रोटी बहुत बेलने पड़ते पापड़, मिले दो जून की रोटी। खून पसीना बूँद-बूँद कर, मिले दो जून की रोटी। सुबह से मेहनत करते हैं, कभी रात भी हो ...

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