छोटे-छोटे सवाल (उपन्यास): दुष्यन्त कुमार

23 भाग

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“यह तो कोई बात ही न हुई।" झुंझलाकर हाथ नचाते हुए रस्तोगी ने गुप्ताजी का तीव्र प्रतिवाद किया; बोला, “साहब, नाक को चाहे सीधे पकड़ो या गर्दन के पीछे से हाथ ...

अध्याय

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