5 भाग
256 बार पढा गया
14 पसंद किया गया
तुमसे मिलने की चाहत कैसे कहे। जमाना रिश्तों की जंजीरों में बांधने को कहता है। जब से जाना है तू भी रूबरू है मेरे लिए। न जाने क्यों दिल बेचैन सा ...
Don't have a profile? Create