राजा की रानी

305 भाग

44 बार पढा गया

0 पसंद किया गया

एक वैष्णवी एक बड़े थाल में मैदा की पूरियाँ लिये हुए सामने से ठाकुरजी के कमरे की ओर निकल गयी। उसे देखकर कहा, “आज तुम्हारे यहाँ समारोह है। शायद कोई खास ...

अध्याय

×