काव्य संग्रह - भाग 1

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आवो भाई सब मिल बोलो आवो भाई सब मिल बोलो राम-राम-राम॥ टेर॥ गर्भवास में कौल किया था, समरुँगा यह बोल दिय था। बाहर आकार भूल्यो हरिको नाम-नाम-नाम॥१॥ मात-पिता बन्धु सुत दारा, ...

अध्याय

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