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संस्कृत सुभाषित - भाग १२ 301 कस्यचित् किमपि नो हरणीयं मर्मवाक्यमपि नोच्चरणीयम् | श्रीपते: पदयुगं स्मरणीयं लीलया भवजलं तरणीयम् || One should never steal others belongings. One should never utter a ...