305 भाग
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अब समझ में आया कि ये ही यदुनाथ कुशारी हैं। अध्याैपक आदमी ठहरे, प्रियतमा के मिजाज का उल्लेख होते ही अपना मिजाज खो बैठे; 'हा: हा:' करके उच्च हास्य से घर ...